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लेखनी प्रतियोगिता -21-Dec-2022- चमत्कार

नीरस हो चुकी जिंदगी में

कुछ नया होने की दरकार है,
कैसे कह दूं मैं तुझे मेरे मन
मुझे एक चमत्कार का इंतजार है।।

जीते तो सभी हैं
लेकिन कुछ ही पहुंचते मंज़िल के पार हैं,
उन गज़ब के खिलाड़ियों को
मेरा दिल से नमस्कार है।।

कैसे मुश्किलों से जूझकर 
करते चुनौतियों को स्वीकार हैं,
उन हौसलों के परिंदों को
मिलता खुशियों का संसार है।।

कोई तो मुझे दिखा दे वो राह
जहां कामयाबी का होता दीदार है,
कोशिश करने वालों को ही
मिलता विजेता का खिताब है।।
हां, रसम तुझे एक चमत्कार का इंतजार है।।


            *****Samridhi Gupta'रसम'*****


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5 Comments

Sachin dev

22-Dec-2022 05:50 PM

बेहतरीन प्रस्तुति

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Swati chourasia

22-Dec-2022 06:39 AM

बहुत ही सुंदर रचना 👌

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